Poonam Pandit Kaun Hai|Poonam Pandit Ka Gaon Kaun Sa Hai

Poonam Pandit Kaun Hai

Poonam Pandit एक भारतीय निशानेबाज, राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने नेपाल में आयोजित ग्रामीण युवा खेलों, 2018 शूटिंग रेस 10 मीटर एयर पिस्टल में भारत का प्रतिनिधित्व किया और स्वर्ण पदक जीता।

Poonam pandit file photo

Bio

व्यक्तिगत जीवन

Poonam Pandit का जन्म 1996 में भारत के उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम विनोद पंडित है।

शिक्षा

Poonam Pandit ने अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन गजरौला यूनिवर्सिटी वेंकटेश्वर से पूरी की।

Poonam pandit और उनकी मां

Profession

उन्होंने प्रसिद्ध हरियाणवी भाषा|हरियाणवी गायिका सपना चौधरी|सपना चौधरी को बाउंसर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। 2018 में, उन्होंने नेपाल में आयोजित ग्रामीण युवा खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को जोरदार समर्थन देने के कारण पूनम सुर्खियों में आईं।

2021 में वह एक भारतीय राजनीतिक दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गईं।

मिलिए किसान आंदोलन में Poonam Pandit  इन दिनों खूब चर्चा में हैं

किसान आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाली पूनम पंडित से मिलिए।

बुलंदशहर के इस्माइलपुर में रहने वाली पूनम पंडित अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। 2018 रूरल यूथ गेम में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेस में गोल्ड जीतने वाली पूनम किसान आंदोलन में चर्चा में है।

पूनम पंडित, इन दिनों खूब चर्चा में रही

Poonam Pandit बुलंदशहर के इस्माइलपुर निवासी पूनम पंडित अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। रूरल यूथ गेम में 2018 शूटिंग रेस 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली पूनम किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में है।

Poonam pandit बुलेट चलती हुई

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अचानक से महिला नेता पूनम पंडित का नाम सामने आया जो पहले कभी हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की बाउंसर थी। नेशनल शूटर रह चुकी पूनम उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली हैं और पिछले कई महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सक्रिय हैं।पूनम  चर्चा में तब आई जब मुज्‍जफरनगर में आयोजित किसान महापंचायत में उन्‍हें मंच पर चढ़ने से राेक दिया गया था।

अन्नदाता की लड़ाई मेरे जीवन का लक्ष्य

पिछले 66 दिन से किसानों की आवाज बनकर काले कानून के प्रति जागरूक करने और अन्नदाताओं की लड़ाई को आगे बढ़ाने वाली पूनम पंडित ने कहा कि अब अन्नदाता की लड़ाई जीवन का लक्ष्य बन गई है। आंदोलन किसी के दबाव में आकर खत्म नहीं होगा। सिर्फ दो ही परिणाम होंगे:

या तो किसान गाजीपुर बॉर्डर पर अपना अधिकार लड़ते हुए मर जाएंगे, या फिर केंद्र सरकार से नया कृषि कानून वापस ले लेंगे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर अपने हिंसक भाषणों से प्रसिद्ध होने वाली पूनम पंडित भी पुलिस की आंखों में खटकने लगी है।

शासन और आईजी-डीआईजी भी पूनम पंडित के वायरल हो रहे वीडियो की जांच कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ बोलने वाली पूनम पंडित ने क्षेत्र से सैकड़ों महिलाओं को किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए जागरूक किया है। रूरल यूथ गेम में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज में गोल्ड मेडल विजेता पूनम ने जीता है।

 पिता विनोद पंडित आठ साल पहले मर गए। पूजा पंडित की बहन संध्या पंडित ने विवाह कर लिया है। इनका भाई पिंटू पंडित एक निजी संस्था में मेरठ में काम करता है। विपन्न पूनम पंडित ने किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की है। अपने कई वीडियो में उन्होंने महिलाओं से आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। 

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